सेक्स की नयी योजना, बहन बनाकर चोदना

sheetalhot

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नमस्कार दोस्तों,आज की इस सच्ची कहानी मैं हम जानेंगे कि कैसे मेरे अकेलेपन ओर निराशा भरी जिंदगी में एक लड़की मेरी बहन बनकर मेरी ख़ुशियाँ बनकर मेरी जिंदगी में आती है और कैसे मेरी अजीब किस्मत की वजह से मुझे उसी लड़की के साथ चुदाई करना पड़ती है।।

आप सभी का कहानियों की इस दुनिया में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ मेरा नाम राहुल है और मैं अभी 21 साल का हूँ। मेरा जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, इसलिये मेरे ज्यादातर शौक तो पैदा होते ही मर गए थे।। मैं एक बड़ा बिजनेसमैन बनना चाहता था, लेकिन पैसों की कमी होने की वजह से ओर जॉब के चक्कर के कारण में अपने सपने बिल्कुल भी पूरे नही कर पा रहा था। एक तरफ जहां मेरो जॉब थी, वहीं दूसरी तरफ मैं अपनी पढ़ाई भी पूरी कर रहा था, इसलिए पढ़ाई और घर के खर्चे के अलावा मैं कभी ओर कुछ कर ही नही पा रहा था। मेरे दोस्त काफी कम थे, इसलिये में ज्यादातर अकेले ही रहना पसंद किया करता था। खाली समय मे मुझे अक्सर फेसबुक चलाने का बहुत ही ज्यादा शौक था। मैं 21 साल का एक जवान था, जो बहुत ही कम उम्र में ही अपने घर के प्रति जिम्मेदार हो गया था, क्योंकि मेरे घर वाले बहुत ही ज्यादा गरीब थे।।।। यही वजह थी कि जब भी मैं किसी लड़का -लड़की को एक साथ देखता था, तो खुद को काफी ज्यादा जलन से भरा हुआ महसूस करता था।। मैं अक्सर यही सोचा करता था कि काश मैं भी थोड़ा पैसे वाला होता और मेरी भी कोई गर्लफ़्रेंड होती जिससे में अपने सभी सुख-दुख बांट सकता था।। शायद मैं ऐसा इसलिए भी सोचता था क्योंकि मैं खुद को बहुत अकेला महसूस करने लग गया था। ज्यादा अकेलेपन ओर खुद को जिंदगी से हारा हुआ समझने के कारण मैं धीरे-धीरे गलत आदतों का शिकार होते जा रहा था। क्योंकि घर की जिम्मेदारियों के कारण मुझे लग रहा था कि मुझे अब अकेले ही गुजारा करना है मेरी कभी कोई गर्लफ़्रेंड नही बनेगी शायद ओर बस ऐसा सोचते हुए मुझे नशे ओर पोर्न वीडियो देखने की आदत हो गयी थी।।।।।

मैं बहुत ही ज्यादा पोर्न देखने लगे गया था और साथ ही एक कुडासे इंसान की तरह मुझे मुट्ठी मारने की भी आदत लग चुकी थी।।।। मैं अपनी जिंदगी से पूरी तरह से निराश हो गया था और मैं इतनी ज्यादा मुट्ठी मारने लग गया था कि मेरी आँखें अब धीरे-धीरे अंदर धंसना शुरू हो गयी थी। यही नही मेरा शरीर कमजोर और दुबला हो गया था और मेरे गाल भी अंदर की तरफ धंसना शुरू हो गए थे। मैं वासना के चलते इतना पागल हो गया था कि जब मैं। किसी राह चलती किसी लड़की को भी देख लेता था, तो मेरा लन्ड एक तेज उत्तेजना के साथ खड़ा हो जाया करता था। मैं शुरुआत से कभी भी एक कामुक लड़का नही था, लेकिन अकेलेपन ओर निराशा भरे जीवन ने मुझे बहुत ही ज्यादा कामुक बना दिया था।। काफी समय से मेरी जिंदगी ऐसी ही चल रही थी, लेकिन अब धीरे-धीरे मैं खुद को सुधारने की कोशिश करने लग गया था।।। अब धीरे-धीरे में एक बड़ी कम्पनी में जॉब पर लग गया था और साथ ही अब धीरे-धीरे मेरी सभी गंदी आदतें भी छूटना शुरू हो गयी थी।।। मैं अपने काम मे इतना बिजी रहने लग गया था कि अब मुझे किसी लड़की का भी कोई मोह नही था।।।।। लेकिन मेरी जिंदगी का वो जो अकेलापन था, वो कहीं ना कहीं अंदर से मुझे अभी भी खाए जा रहा था।।।।

जैसा कि मैने आप सभी लोगों को बताया था कि अक्सर अपने खाली समय मे मुझे फेसबुक चलाने सोशल मीडिया पर जोक्स पढ़ने का बहुत ही ज्यादा शौक था। एक गईं मेरी जिंदगी में एक ऐसा पल आया जिसने मेरी जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर ही रख दिया था।।। एक बार मेरी फेसबुक पर एक लड़की से बातचीत होने लग गयी थी, जो कि मेरे घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही रहती थी।। वह लड़की मुझे भाई कहकर बुलाती थी, ओर उसने मुझसे कहा था कि अब से हम हमेशा से ही भी बहन बनकर रहेंगें। खैर, मुझे भी उसके मुंह से भाई सुनना अच्छा लगता तो कहीं ना कहीं मैं भी उस लड़की को अपनी बहन मानने लग गया था।।। उस लड़की का नाम प्रीति था, और वह अभी केवल 18 साल की थी। प्रीति दिखने में काफी मासूम ओर प्यारी लगती थी। प्रीति इतनी प्यारी लड़की थी कि जब भी मैं उससे बात किया करता था, तो उस समय के लिए मैं अपने सभी गमों को भूल जाया करता था। प्रीति का एक ब्वॉयफ़्रेंड भी था, इसलिये जब भी मैं प्रीति के साथ कभी फोन पर बात किया करता था, तो वह हमेशा मेरे फ़ोन काटकर अपने ब्वॉयफ़्रेंड के साथ बिजी हो जाया करती थी।।।। लेकिन मुझे इस बात का बिल्कुल भी बुरा नही लगता था, क्योंकि मेने अपने सच्चे दिल से प्रीति को अपनी बहन मान लिया था। कुछ दिन तक तो सबकुछ ठीक ही चल रहा था, लेकिन थोड़े ही दिनों बाद अचानक से प्रीति का बर्ताव मेरे प्रति बदलने लग गया था।।।अब वह कभी मुझसे ठीक तरीके से बात नही किया करती थी और जब भी मैं एक भाई होने के नाते उनसे बात किया करता था तो वह हमेशा मुझे इग्नोर कर दिया करती थी।।।।।

जब भी मैं प्रीति से उसके ऐसे बर्ताव के बारे पूछता था, तो वह अक्सर कुछ ना कुछ बहाना बना दिया करती थी।। वह ज्यादातर मुझसे फोन खराब होने का बहाना बना दिया करती थी, ओर मैं भी ठहरा एक सीधा इंसान जो उसकी हर बातों को आँखें बंद करके भरोसा कर लिया था।। कुछ दिन तो ऐसे ही चलता रहा और देखते ही देखते रक्षा बंधन का त्यौहार आने वाला था।।। रक्षा बंधन के त्यौहार आने की वजह से मुझे प्रीति की बहुत याद आ रही थी,क्योंकि मेरी कोई भी सग्गी बहन नही थी और यही एक सबसे बड़ी वजह थी कि मैने प्रीति को अपनी बहन बनाया था।।।। काफी सोचने के बाद मुझे ख्याल आता है कि प्रति का मोबाइल खराब हो रहा है तो क्यों ना उसे रक्षाबंधन से पहले ही मोबाइल गिफ्ट कर दूं।।। मैं काफी गरीब फैमिली से था, लेकिन मेने एक-एक पैसा जोड़कर मुश्किल से रक्षा बंधन के पहले ही प्रीति के लिए एक मोबाइल खरीद लिया था। मेने उस मोबाइल को खरीदने में अपनी 2 महीने की पूरे सैलेरी खर्च कर दी थी।। कुछ दिन बाद मेने प्रीति को फ़ोन लगाया और उससें कहा कि “हेलो प्रीति तुम कैसी हो मेरी बहन? हैप्पी रक्षाबंधन एडवांस, जल्दी से मुझे पुराने वाले पार्क के पास आकर मिलना मेने तुम्हारे लिए एक गिफ्ट रखा है””।।।।।

“ओह्ह रियली सच्ची बताओं क्या गिफ्ट है तुम मेरे सबसे अच्छे भाई हो”” :’)।।। प्रीति ने जवाब देते हुए कहा

“पहले मुझे पार्क में आकर मिलो फिर मैं तुम्हें बताता हूँ क्या गिफ्ट है” – बस इतना कहते हुए मेने अपना फोन रख दिया

मेरे कहे हुए मुताबिक उस दिन प्रीति पार्क में अपना गिफ्ट लेने के लिए पहुंच जाती है और मुझसे कहती है कि “अच्छा भैया मैं आ गई अब बताओं मेरा गिफ्ट कहा है”??

मेने प्रीति को ज्यादा इंतजार ना करवाते हुए अपनी पीछे से मोबाइल निकाला और कहा “ये लो तुम्हारा गिफ्ट। तुमने बताया था ना कि तुम्हारा मोबाइल खराब है?? इसलिए मैं तुम्हारे लिए एक बढ़िया सा मोबाइल लेकर आया हूँ”।।।।

मोबाइल को देखकर तो प्रीति बहुत ही ज्यादा खुश हो गयी थी। उसने मुझसे कहा कि “भैया आप बहुत अच्छे हो आई लव यू”” ओर इतना कहते हुए प्रीति ने कुछ देर के लिए कस के गले लगा लिया था।। मुझे यकीन ही नही हो रहा था कि ऐसे तो प्रीति मुझे बहुत इग्नोर करती थी, लेकिन जैसे ही मेने उसे गिफ्ट दिया वो मुझे गले लगाने लग गयी थी।।।। चलो जो भी हो जाने दो, क्योंकि इन लड़कियों को आखिर कौन समझ पाया है।। गले लगते समय अचानक से प्रीति के मोबाइल ली रिंग बजती है और वह मोबाइल में देखकर ही कह देती है भैया मुझे जरूरी काम आ गया है तो मैं यहां से जा रही हूं।। मेने चुपके से उसके फ़ोन में देख लिया था कि उसके ब्वॉयफ़्रेंड का फ़ोन आया है। मेने सोचा था कि वह कुछ देर के लिए मेरे साथ रुकेगी ओर बातें करेगी लेकिन वह बिना रुके ही तुरंत जा चुकी थी।।। मुझे बहुत बुरा लग रहा था, क्योंकि इतनी मेहनत से उसके लिए गिफ्ट लाने के बाद भी वह मुझे अकेले छोड़ के चली गयी थीं। कुछ दिन तक वो मुझसे फिर से फ़ोन ओर चैट पर अच्छे से बातचीत करने लगी, लेकिन थोड़े ही दिनों बाद उसका व्यवहार फिर से मेरे लिए बदल गया था, उसने दोबारा से मुझे इग्नोर करना शुरू कर दिया था।।।।

अब देखते ही देखते रक्षा बंधन का त्यौहार भी आ चुका था। मेने सुबह-सुबह तैयार हो कर रक्षाबंधन की पूरी अच्छे से तैयारी कर ली थी।। मैं बहुत खुश था कि मैं पहली बार अपनी मुंह बोली बहन प्रीति से रक्षा बंधन पर राखी बंधवाने वाला था। उस दिन करीब दिन के 2 बज रहे थे। मेने प्रीति से राखी बंधवाने की पूरी तैयारी कर ली थी और इसलिए मैं उसे बार-बार फ़ोन किये जा रहा था, लेकिन पता नही क्यूँ बार-बार प्रीति का फ़ोन बिजी आये जा रहा था।। अब मुझसे और इंतजार नही हो रहा था, इसलिये मैं राखी बंधवाने के लिए प्रीति के घर निकल चुका था, मेने यह सोचा था कि आखिर क्यूं न प्रीति को एक ज़बरदस्त सरप्राइज दिया जाए।। अब में राखी बंधवाने के लिए प्रीति के घर पर निकल चुका था। जैसे ही मैं रास्ते पर पहुँचता हूँ तो प्रीति का अचानक से प्रीति का मुझे फ़ोन आता है और मैं फ़ोन उठाते ही प्रीति से पूछता हूँ कि “हेलो प्रीति तुम इस समय पर कहा हो”??

“क्यों क्या हुआ आप ऐसा क्यूँ पूछ रहे हो””??, प्रीति ने बड़ी गंभीरता के साथ जवाब दिया।।।।।

“नही नही गंभीर होने वाली कोई बात नही है वो मैं आपके घर आ रहा था राखी बंधवाने इसलिए फ़ोन लगा रहा था””’।।- मेने खुशी जाहिर करते हुए कहा

मेने जैसे ही प्रीति को ये सब कहा पता नही क्यूँ उसकी जुबान लड़खड़ाना शुरू हो गयी थी। प्रीति ने तुरंत ही मुझे जवाब देते हुए कहा कि “ देखो हमारे घर पर मत आओ मैं अभी घर पर नही हूँ मैं अपने मामा के यहां पर हूँ इसलिये मैं आप से ओर किसी दिन राखी बंधवा लूंगी”।।।।

प्रीति का घर मुझसे बस कुछ ही कदमों की दूरी पर था, लेकिन उसके मुंह से ऐसी बातें सुनने के बाद में निराश होकर अपने घर लौटने लगता हूँ।।।। मेरे घर पर लौटते हुए अचानक से ही रास्ते पर तेज बारिश होने लग जाती है। तेज बारिश होने की वजह से मैं पूरी तरह से भीग जाता हूँ और मेरी सभी मिठाईयां भी खराब हो जाती है। अब मेरी आंखों से आंसू आने लग जाते है, लेकिन मैं सबकुछ भुला कर अपने घर चले जाता हूँ।।।। घर पर पहुँचकर जब मैं अपना फेसबूक ओपन करता हूँ तो मेरी आँखें ही फटी रह जाती है। मैं देखता हूँ कि कुछ मिनट पहले ही प्रीति ने अपने घर पर अपने भाइयों के साथ कुछ फोटोज डाली हुई होती है। यह सब देखकर तो मैं ओर भी ज्यादा निराश हो जाता हूँ। अब मुझे जिंदगी में इतना समझ मे आ गया था कि सग्गी बहन के अलावा और किसी को अपनी बहन नही बनाया जा सकता है क्योंकि अगर आप ऐसा करोगे तो दुनिया आपके रिश्ते का इसी तरह से मजाक बना देगी।।।

अब मेने प्रीति से बात करना पूरी तरह से बंद कर दिया था, लेकिन मुझे अभी भी कहीं ना कही यह उम्मीद थी कि प्रीति को कबि तो अपनी भूल का पछतावा होगा और फिर वह मुझे फ़ोन लगाकर इस सबके लिए माफी जरूर मांगेगी, लेकिन ऐसा तो हुआ ही नही, बल्कि मुझे उस दिन के बाद से कभी प्रीति का फ़ोन नही आया और नही उसने कभी मुझे फेसबूक के जरिये मैसेज करने की भी कोशिश नहीं की थी।। एक दिन जब मुझे काफी गुस्सा आया और मेरा सब्र टूट गया तो मैने रात के समय प्रीति को फोन लगाया था। मैं बार -बार उसे फ़ोन किये जा रहा था, लेकिन हर बार उसका फ़ोन बिजी ही आ रहा था। कुछ देर बाद ही अचानक से मुझे प्रीति का फोन आता है।।।। जैसे ही मैं फोन उठाता हूँ तो प्रीति मुझे एटीट्यूड से कहती है कि” क्यूँ बार बार मुझे फोन कर रहे हो, शर्म नाम की चीज है भी या नही”??

“तुमने ही तो मुझे भाई बनाया था, अब मुझसे ऐसी बातें क्यों कर रही हो??? और उस दिन जब तुम घर पर थी, तो क्यों बोला कि मामा के यहां पर हूं?? पागल क्यों बना रखा है मुझे?- मेने गुस्से में सवाल करते हुए कहा

“अबे जाना चूतिये कभी आईने में अपनी शक्ल भी देखी है?? मैं तुझे भाई बनाउंगी? याब तेरे जैसे इंसान से मैं कभी बात भी ना करूँ, वो तो मेने तुझे ऐसे ही टाइमपास करने के लिए भैया बनाया था।।। -प्रीति ने जवाब देते हुए कहा

“मुझे यकीन ही नही हो रहा है कि तुम इतना नीचे गिर सकती हो?””-मेने हैरान होते हुए कहा

“अब जाना मैं तो इससे भी ज्यादा बुरी हूँ अभी तूने मुझे देखा ही कहा है चल अब फ़ोन रख ओर दोबारा मुझे फ़ोन करने की कोशिश भी मत करना ठीक है”।।- इतना कहते हुए प्रीति ने चुपचाप से अपना फ़ोन रख दया था।।

अब मेरा मुंह बोले रिश्ते से पूरी तरह से विश्वास उठ चुका था।।। उस दिन के बाद मेने सभी चूतियापे को छोड़कर मन लगाकर अपने करियर पर काम करना शुरू कर दिया था।।। मेरी सच्ची लगन से काम करने पर मुझे जल्दी ही कम्पनी का मैनेजर बना दिया गया था। अब मेरे जिंदगी में पैसा ही पैसा बरस रहा था और मेरी लाइफस्टाइल भी पूरी तरह से बदल चुकी थी।।।। एक दिन मेरी जिंदगी ने बहुत ही खतरनाक मोड़ लिया। 3 साल बाद अचानक ही मुझे प्रीति एक रेस्टोरेंट में मिलती है ओर वह मुझे देखकर हैरान ही रह जाती है।। अब प्रीति बड़ी हो चुकी थी और उसकी शादी भी हो चुकी थी।।। प्रीति सबकुछ भूल चुकी थी, लेकिन मैं अपनी उस बेज्जती को आज भी नही भुला पाया था।।।। उस दिन प्रीति ने अपने पति से मुझे मिलवाया कर मेरे बदले हुए रूप को देखकर प्रीति की नजर मुझपर से हट ही नही रही थी।।। मैं भी प्रीति ओर उसके पति से मिला और चुपचाप उस रेस्टोरेंट से निकल गया था। जाते वक्त प्रीति मेरी लक्जरी कर को भी देखकर काफी हैरान थी।।। मैं समझ गया था कि प्रीति पैसों की बहुत भूखी है और पैसों के बिना प्रीति का कोई वजूद ही नही है।।

मैं उस दिन का प्रीति से बदला लेना चाहता था।।। मेने पता किया था कि प्रीति का पति एक कम्पनी में काम करता था। अब मेरे पास इतना पैसा था कि मैने कुछ 6 महीने के अंदर ही प्रीति के पति की कम्पनी को बर्बाद कर दिया था। मैं जानता था कि प्रीति पैसों की बहुत ज्यादा भूखी है ओर वह अपने पति की कंपनी को बचाने के लिए मेरे पास जरूर आएगी।।।। मेरा प्लान धीरे-धीरे कामयाब होने लग गया था और आखिरकार, मेरे प्लान के अनुसार एक दिन प्रीति मेरे ऑफिस में आती है और आने पगती की कम्पनी को डूबने से बचाने के लिए मुझसे मदद मांगती है।।। प्रीति मुझसे यह तक कह देती है कि अपने पति की कम्पनी को बचाने के लिए आओ जैसा कहेंगे में वैसा करने के लिए तैयार हूं।

तभी मैं प्रीति के साथ एक सौदा करता हूँ और उससे कहता हूं कि अगर तुम अपने पति की कम्पनी को डूबने से बचाना चाहती हो तो आज रात 11 बजे तुम्हें होटल स्पार्क में रूम नम्बर 711 में पहुँचना होगा। प्रीति समझ जाती है कि मैं उससे आखिर क्या चाहता हूं और इसलिये वह गुस्सा होकर मेरे पास से चली जाती है।।।। लेकिन कहीं ना कहीं मुझे अभी भी यह यकीन था कि प्रीति आज रात होटल पर जरूर पहुंच जाएगी।।।। अब रात के करीब 11 बज चुके थे और मैं होटल के रूम को बिल्कुल अच्छे से सजाकर प्रीति का इंतजार कर रहा था। करीब रात के 12 बजे होटल के रूम की बेल बजती है और यहां में अच्छे से समझ गया था कि यहां पर ज़रुर प्रीति ही आयी होगी।। जैसे ही मैं उठकर दरवाज़ा खोलता हूँ और देखता हूँ तो मेरी सामने प्रीति उदास होकर खड़ी हुई होती है। लेकिन अब मुझे प्रीति पर बिल्कुल भी तरस नही आ रहा था।। मैं प्रीति को बिना कुछ कहे कमरे के अंदर आ एक लिए कह देता हूँ।।।।

प्रीति एक रेड ओर हॉट ड्रेस पहनकर मेरे सामने आई हुई थी।। उस ड्रेस में प्रीति के बूब्स भी साफ दिखाई दे रहे थे।।। मेरी नजर प्रीति के क्लीवेज से हटने का नाम ही नही ले रही थी।।। जैसे ही प्रीति मेरे सामने आती है तो वह अपनी नजरों को झुका लेती है। उसके होंठ पर लाल लिपिस्टिक लगी हुई होती है जिसे देखकर मुझे ऐसा लग रहा था कि इन्हें पीकर खत्म कर दूं।।। अब मैं दोबारा से वहीं राहुल बन चुका था, जो कि काफी बुरा था। जैसे ही प्रीति मेरे सामने खड़ी होती है तो मैं उसके सामने एक तेज म्यूजिक बजा देता हूँ और पास मैं रखी एक वाइन की बोतल से तो पेग बनाकर ले आता हूँ।।। इस दौरान प्रीति की नजर पूरे रूम में डोल रही थी, क्योंकि मेने पूरा कमरा किसी सुहाग रात के कमरे की तरह सजाया हुआ था। प्रीति मेरी आँखों मे देख चुकी थी कि मैं उसके साथ आखिर क्या करने वाला हूँ, इस वजह से डर के कारण उसका पूरा बदन टाइड हो चुका था। यह कहना गलत नही होगा कि प्रीति उस समय बहुत ही खतरनाक माल लग रही थी।।। जैसे ही मैं प्रीति के हाथ मे वाइन का पेग देता हूँ वो एक ही झटके में पूरा पेग पी जाती है। वो शायद फूल टल्ली होना चाहती थी, जिससे आज रात क्या होने वाला है इसका उसे जरा भी होश ना रहें।

अब मैं ओर ज्यादा सब्र नही हो पा रहा था, क्योंकि जब जब मैं उसके चेहरे ली तरफ देख रहा था,मुझे बरसों पुरानी उस बेज्जती की याद आ जाती थी।।।। कुछ ही देर बाद मेने प्रीटी की आंखों में देखा ओर फिर उसके गले पर मैने चूमना शुरू कर दिया था। इस दौरान प्रीति तेजी से उत्तेजित होने पग गई थी। इस दौरान प्रीटी ने मुझे जोर से धक्का दिया और फिर एक दीवार पर जाकर खड़ी हो गयी थी।।। अब मेरी उत्तेजना भी धीरे-धीरे मुझे बढ़ती हुई नजर आ रही थी।। मैं फिर से प्रीती के पास जाता हूँ और उसके हाथों को दीवारों के सहारे दबाते हुए उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर उसे चूमने लग जाता हूँ। अब प्रीति भी सबकुछ भूल कर 10 मिनट तक तो मुझे ऐसे ही चूमने लग जाती है।।।।।। कुछ देर बाद प्रीति को फिर से होश आता है और फिर वह मुझे धक्का देते हुए टेबल की तरफ चली जाती है जहां पर कुछ शराब की बोतलें रखी हुई होती है।।। प्रीति शायद इस दौरान बहुत ही बुरा महसूस कर रही थी और शायद उसे खुद से नफरत भी होने लग गयी थी, क्योंकि अपने पति की कंपनी बचाने के लिए उसे इस तरह का गिरा हुआ काम करना पड़ रहा था। तभी अचानक से प्रीति उन सभी बोतलों में से एक शराब की बोतल उठाती है और एक ही झटके के अंदर शराब की आधी बोतल को पी जाती है।। कुछ ही देर बाद प्रीति पूरी तरह से नशे में टुन्न हो जाती है।।।

आब जाकर प्रीति भी पूरी तरह से बिंदास हो जाती है और मेरी तरफ बढ़ने लगती है।।। अब प्रीति मेरे पास आकर किसी भूखे भेड़िये की तरह मेरे होंठ ओर शरीर को चूमने लग जाती है।।।। मैं भी इस दौरान प्रीति को कस के पकड़कर उसे चूमने लग जाता हूँ।। अब मैं प्रीति को उठाकर सीधा बैड की तरफ लेकर चल जाता हूँ।। अब हम बैड पर एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाते है और एक दूसरे के ऊपर लिपटते हुए एक दूसरे को चूमने लग जाते है। अब मैं धीरे-धीरे प्रीति को चूमते हुए उसकी ड्रेस को निकालकर नीचे फेंक देता हूँ और उसके गुलाबी बूब्स को दबाकर उसे चूसने लग जाता हूँ। भले ही प्रीति नशे में थी, लेकिन फिर भी वह अपने बूब्स को बार-बार छुपाने ओर मुझे खुद से दूर करने की हर नाकामियाब कोशिशें किये जा रही थी। अब मेने प्रीति के हाथों को रस्सी से बैड के किनारों पर बाँध दिया था। अब प्रीति चाहकर भी कुछ नही कर सकती थी।। अब में धीरे धीरे आराम से प्रीति के निप्पल को अपने मुंह मे लेकर चूस रहा था और इस दौरान प्रीति के मुंह से तेज सिसकारियों की आवाजें निकले जा रही थी। अब में प्रीति के बूब्स को दबाते हुए आम की तरफ चूस रहा था और प्रीति की “आह आई अम्म शशशश” की आवाजें पूरे कमरे में गूंजती जा रही थी।।।।

अब-अब प्रीति की आंखों में देखते हुए उसकी पैंटी को भी निकालकर नीचे फेंक देता हूँ।। अब पहले तो मैं उसकी नाभि वाली जगह पर चूमने लगता हूँ और फिर धीरे-धीरे नीचे आते हुए मैं अपना मुंह प्रीति की चुत के अंदर उतार देता हूँ। मैं प्रीति की चुत पर बने बीज को अपनी जीभ से चाटने लगता हूँ इस दौरान प्रीति के मुंह से तेज “आह आह ओह्ह उई मा” की आवाजें निकलने लगती है। अब मैं अपनी दो उंगलियों को प्रीति की चुत में डालकर केवल उंगलियों से ही प्रीति की चुत को चौदने लग जाता हूँ।।। प्रीति की तेज आवाजें पूरे कमरे में गूंजने लगती है और कुछ ही देर के अंदर में प्रीति की चुत में से उसका सफेद पानी निकाल देता हूँ। अब धीरे-धीरे प्रीति की भी उत्तेजना बढ़ने लगे जाती है और वह मुझसे तड़पते हुए कहने लगती है।। “आह राहुल भैया आह प्लीज मुझे चोद दो”।।।।

“तुझे चोदने के लिए ही तो इतनी दूर से तुझे यहां तक लेकर आया हूँ रंडी- कहते हुए मेने अपने कपड़ों को उतारना शुरू कर दिया था।

धीरे-धीरे मेने आने सभी कपड़ों को उतार कर नीचे फेंक दिया था। अब मैं अपने हाथों में अपना 9 इंच का कड़क ओर सुडौल लंड लेकर प्रीति को चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार था। मैं अपना लन्ड हिलाते हुए लगातार प्रीति की चिकनी चुत की तरफ देख रहा था।।। अब मेने अपने बैड के बगल से एक कंडोम का पैकेट निकालकर अपने लन्ड पर कंडोम चढ़ा लिया था।।। कुछ ही देर बाद मेने बिना देरी किये अपने लन्ड के टोपे को ले जाकर प्रीति की चुत की दीवार पर ले जाकर रख दिया था।।। मैं अपने लन्ड को प्रीति की चुत पर रखकर रगड़ रहा था। मेरे लन्ड रगड़ने पर प्रीति ओर प्रीति चुदने के लिए ओर भी ज्यादा तड़पे जा रही थी।।।। अब मेने अपने टोपे को प्रीति की चुत के छेद पर रख दिया था। अब धीरे-धीरे मैं अपने लन्ड को सिर्फ टोपे तक ही प्रीति की चुत के अंदर घुसा रहा था। इस दौरान प्रीति के मुंह से हल्की सी “आउच” की आवाज निकल गयी थी।। अब मैं सिर्फ टोपे तक ही अपने लन्ड की प्रीति की चुत के अंदर बाहर कर रहा था और प्रीति एक धीमी “आह आह आह” की आवाज के साथ चुदती ही का रही थी।।।। अब कुछ ही देर में मेने एक ही झटके के साथ अपने पूरे लन्ड को प्रीति की चुत के अंदर घुसा दिया था।।। अब मैं बिल्कुल मजे के साथ प्रीति की कमर को पकड़ते हुए उसे झटके देते हुए चोदता जा रहा था।। मेरी चुदाई से पूरा बैड ही हिलने लग गया था।। “आह भैया आह भैया बस आह ओह्ह भैया”करते हुए प्रीति की चीखें बंद ही नही हो रही थी और आखिरकार, मेने इस रंडी से अपना बदला निकाल ही लिया था।

पहले तो मैने प्रीति को बहुत सी अलग अलग पोजिशन में चोदा ओर फिर आखिर में मेने प्रीति को टांगों को चौड़ी करते हुए आप के कंधे पर उसकी टांगो को रखकर जोर जोर से मशीन की रफ्तार से प्रीति को चोदा था। उस दिन मेने करीब 2 घंटे तके लगातार प्रीति के साथ चुदाई की थी। जब प्रीति होटल।से जा रही थी, तो चुदाई के कारण उसकी पूरी चाल ही लड़खड़ाने लग गयी थी।। इस चुदाई के बाद मेने प्रीति के पति की कंपनी को भी डूबने से बचा लिया था।।।।

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