शादी में पंजाबी कुड़ी चोद दी!

sheetalhot

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हैलो दोस्तों , हम सब ने जिंदगी में बहुत बार चुदाई का मजा लिया है। पर अगर आप में से किसी ने एक पंजाबी लड़की चोदी होगी तो यक़ीनन आपको पता होगा कि किस स्वर्ग का आनंद मिलता है। मेरी भी ख्वाइश थी कि जिंदगी में एक बार किसी पंजाबी लड़की की चूत मार सकूँ। वैसे तो में भी पंजाबी हूँ पर मेरे पिता पिछले कई सालों से दिल्ली में आकर बस गए थे। और हमारा अब पंजाब में कोई रिश्तेदार भी नहीं था। इसलिए मैंने दिल्ली की तो सात आठ लड़किया चोद ली थी पर पंजाबी चूत की ख्वाइश अभी अधूरी थी। पर पिछले महीने मेरी ये ख्वाइश भी पूरी हो गयी।

कहानी बहुत मजेदार है , पर कहानी शुरू करने से पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ। मेरा नाम मनदीप सिंह है , और सब मुझे प्यार से मनु बुलाते हैं। मेरी हाइट ६ फुट है और रंग गोरा है। हम दिल्ली में रहते हैं तो मैंने दाढ़ी नहीं रखी और बाल भी छोटे हैं। मेरे लण्ड का साइज सात इंच है और मेरा शरीर भी काफी तंदरुस्त है। ऐसा आज तक नहीं हुआ कि मुझे कोई लड़की पसंद आयी हो और मैं उसे चोद नहीं पाया। किसी भी लड़की को पटाने की कला में माहिर हूँ मैं। मैंने रिश्तो की कहानियां पर बहुत सारी चुदाई की कहानियां पढ़ी है। और इसी वजह से मैंने सोचा क्यों न में भी आज आपको अपनी कहानी सुनाऊ।

दोस्तों कहानी शुरू हुयी चार महीने पहले , जब मेरे भाई के रिश्ते की बात चल रही थी। मेरे पिता जी को भी पंजाब से दुबारा रिश्ता जोड़ना था इसलिए वो लड़की भी पंजाब में ढूंढ रहे थे। और इस बात से मैं भी खुश था कि शायद अब मेरी ख्वाइश पूरी हो जाए। पिता जी को पंजाब के चंडीगढ़ शहर का एक रिश्ता पसंद आया और हम सब लड़की देखने गए। लड़की सब को पसंद आ गयी, रिश्ता पक्का हो गया। पर मेरी नजर तो लड़की की बहन से हट नहीं रही थी। उसका नाम मनवीर था और उसे भी सब प्यार से मनु ही बुलाते थे। इस बात पर हम सब हंस रहे थे कि दूल्हे का भाई भी मनु और दुल्हन की बहन भी मनु। पर नाम से ज्यादा तो बहुत कुछ था उसमे मुझे अपनी तरफ खींचने के लिए। जैसा में सपनो में सोचा करता था बिलकुल वैसी लड़की थी। गोरा रंग , गदरीला बदन , बड़ी बड़ी ३८ साइज की चूचियां और बड़ी बड़ी गोल गोल गांड।

उसका शरीर कुछ ३८-३०-३६ होगा। मैं जब से वह पहुंचा था तब से उसे देख रहा था पर वो मुझे इग्नोर कर रही थी। ऐसा पहली बार हो रहा था मेरे साथ , पर इतनी खूबसूरत और कातिल शरीर की मालकिन को नखरे करना तो बनता है। पर हमारी नजरे बहुत बार एक दूसरे से टकराई। खेर उस दिन कोई बात नहीं बनी और हम सब रिश्ता पक्का कर के दिल्ली वापिस आ गए। तीन महीने बाद की तारीख तय हुयी। उसी दिन से भैया और भाभी ने फ़ोन पर बातें करनी शुरू कर दी थी। एक दिन भैया भाभी से बात कर रहे थे और भाबी ने मुझसे बात करने की ईक्षा जाहिर की। मैंने भी बात की और हम मजाक करने लगे। भाभी ने मुझसे पूछा कि तुझे कैसी लड़की चाहिए तो मैंने मजाक में बोला आपकी बहन जैसी पर उसने तो मुझे घास भी नहीं डाली। भाभी ने मनु को फ़ोन पकड़ा दिया और बोली खुद ही पूछ लो। पूरी कहानी पढ़े
 
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